मध्य प्रदेश के बालाघाट के एक गांव के लोगों ने अनूठा फैसला लिया है. युवाओं में बढ़ती नशे की लत और आपसी विवाद को देख, ग्रामीणों ने शराबबंदी और गांव को नशामुक्त करने के लिए एक कदम बढ़ाया है. बालाघाट के बगदर्रा के ग्रामीणों ने अब खुद नशे के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. ग्रामीणों ने शराब पीने और पीकर आने के साथ-साथ शराब बनाने पर रोक लगाने का एक साथ मिलकर फैसला लिया है. जिसको लेकर गांव में मुनादी कराई गई है. नशा मुक्ति के नियम तोड़ने वालों पर, गांव में दारू बेचने वालों पर 50 हजार रूपए का जुर्माना और सूचना देने वालों को 10 हजार रूपए ईनाम देने का ऐलान किया है.
बालाघाट जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित गांव बगदर्रा में रहने वालों ने नशे के खिलाफ आवाज उठाई है. गांव में दारू बेचने वाले पर जुर्माना और सूचना देने वालों को ईनाम देने की बात कही गई है. मुनादी में कहा गया कि जो भी गांव में शराब बेचते पकड़ा जाएगा उस पर जुर्माना कार्यवाही के साथ उसे पुलिस के हवाले किया जाएगा. जिसको लेकर 18 अगस्त की देर रात गांव में डीजे के साथ रैली निकालकर मुनादी कराई गई. रैली में गांव के बच्चों से लेकर युवा, बुजुर्ग और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं.
ग्रामीणों को डीजे से दी जानकारी
गांव वालों ने सभी को शराब बंदी की जानकारी देने के लिए डीजे के साथ रैली की. रैली निकालकर लाउड स्पीकर से लोगों को जानकारी दी गई. लोगों ने कहा कि पहले बगदर्रा की एक पहचान हुआ करती थी लेकिन अब इसकी पहचान शराब, जुआ और सट्टे से हो रही है. जिसके चलते पंचायत और ग्राम के जागरूक लोगों ने गांव को नशामुक्त बनाने का फैसला लिया है. गांव को नशामुक्त बनाने को लेकर ग्राम के जागरूक ग्रामीणों ने 18 अगस्त रविवार को पूरे ग्राम में एक रैली निकाली और गांव में शराब विक्रय पर पूर्णतया रोक लगाने की अपील की.
शराब बेचने वालों पर 50 हजार का जुर्माना
पंचायत सरपंच येशुला नगपुरे ने बताया कि शराब बंद को लेकर पहले गांव वालों के साथ बैठक कर बुजुर्ग लोगो ने निर्णय लिया है गांव में शराब बंदी होनी चाहिए. नशामुक्ति अभियान के तहत ग्रामीणों के साथ पंचायत परिवार ने रैली निकाली. जिसमें सभी ग्रामवासियों से गांव को नशामुक्त बनाने के लिए सहयोग की अपील की गई. गांव वालों की ओर से एक कड़ा नियम भी बनाया गया हैं जिसमें शराब बेचने वालों पर 50 हजार का जुर्माना और सूचना देने वालों 10 हजार का ईनाम देने की घोषणा की गई हैं.